How to stay positive

                                          मन से नकारात्मकता हटाने के उपाय

सामाजिक जीवन में अपने आसपास के लोगों का बुरा व्यवहार अक्सर हमें दुखी और निराश करता है लेकिन इस तरह की स्थितियों को खुद पर हावी न होने दें बल्कि उनसे पूरी सकारात्मकता के साथ निपटें।
दफ्तर से लेकर आस-पड़ोस तक हम खुद को ऐसे लोगों और ऐसे व्यवहार के बीच पाते हैं जो हमारे भीतर असंतुलन और असहजता पैदा करता है। जो हमारे भीतर की शांति में खलल पैदा करता है।
दूसरों का कटुतापूर्ण व्यवहार हालांकि हमें बहुत तकलीफ पहुंचाता है लेकिन हम उनके तौर-तरीकों को बदल नहीं सकते। जिस तरह हम चाहते हैं उस तरह तो कतई नहीं। अपनी शांति के लिए नकारात्मकता से निपटने का तरीके खोजना ही आपके पास विकल्प हो सकता है। सकारात्मक होकर ही आप इस नकारात्मकता को जीत सकते हैं।-

                                               छींटाकशी से दूर की राह

अगर आप किसी ऐसी जगह हैं जहां लोग नकारात्मक टिप्पणियों या छींटाकशी में रस ले रहे हों या फिर दूसरों का उपहास कर रहे हों तो ऐसी जगह और स्थिति से खुद को बाहर निकालना ही ठीक है। जैसे ही आपको भान हो कि इस तरह की बातचीत आपके स्वभाव से मेल नहीं खाती है तुरंत उन लोगों के बीच से निकल जाना चाहिए। अगर किसी कारण से आप ऐसी जगह से नहीं निकल पा रहे हैं तो भी इस तरह की बातचीत में हिस्सा लेने से बचें, प्रतिक्रिया व्यक्त करने से दूरी बनाएं।
 
                                               आलोचना से दूरी बनाएं

नकारात्मक टिप्पणियों, आलोचनात्मक दृष्टिकोण को व्यक्तिगत रूप से न लें। दूसरों की हताशा का असर खुद पर न पड़ने दें। दूसरों की हताशा और गुस्से पर अगर आप कोई प्रतिक्रिया नहीं देंगे तो उसका फायदा आपको अपने व्यक्तित्व में दिखाई देगा। अक्सर आप दूसरों के साथ उलझने पर अपने मन को खराब कर बैठते हैं। प्रयास के साथ इससे बचें।
 
                                                सकारात्मकता पर ध्यान दें

हर दिन अपने जीवन की तीन सकारात्मक बातों पर ध्यान दें। उन लोगों को याद करें जिन्होंने आपके दिन को अच्छा बनाया। उन लोगों को भूल जाएं जिनके साथ आपकी झड़प हुई हो। अपने दिन की बुरी घटनाओं के प्रभाव से अपनी शाम को खराब न होने दें। इस तरह आप अपने दिन को बेहतर तरीके से पूरा कर पाएंगे।

       
                                                 ज्यादा अपेक्षाओं से बचें

अपने मन मुताबिक दूसरों से काम की अपेक्षा रखना आपको निराश ही करेगा इसलिए लोगों से न्यूनतम अपेक्षाएं रखें। उन्हें बताएं भी नहीं कि उन्हें क्या करना चाहिए और क्या नहीं। जब आप उन्हें यह बताते हैं कि आपकी अपेक्षाएं क्या हैं और फिर भी चीजें ठीक नहीं होती तो आपको ज्यादा निराशा होती है और इसलिए सामाजिक जीवन में लोगों को ऐसे निर्देश देने से बचें। सामान्य तौर पर अगर आप उन्हें कोई बात समझा सकते हैं तो बस उतना ही प्रयास करें।
 
                                             प्रतिक्रियाओं पर गंभीर न हों

अक्सर आपके प्रयासों को लेकर लोग नकारात्मक प्रतिक्रिया देते हैं और ऐसे में उन प्रतिक्रियाओं को पीछे छोड़कर आगे बढ़ना बहुत जरूरी है। नकारात्मक प्रतिक्रियाओं को आपकी राह की बाधा न बनने दें। हमेशा ऐसे लोगों की बातों को भुलाने के लिए खुद को किसी सकारात्मक गतिविधि के साथ जोड़ें। बेहतर होगा कि ऐसे लोगों की बातों को अपने अनुरूप दिशा में मोड़ लें।
 
                                                   सफलता की खुशी

दिनभर में जो छोटी सफलताएं आपने प्राप्त की हैं उनका जश्न मनाएं। अपनी कमियों को लेकर बहुत ज्यादा सख्त नजरिया अपनाने से बचें। दूसरों के प्रति भी अधिक आलोचना भरा नजरिया न रखें और उनके छोटे-छोटे प्रयासों की सराहना करें। इस तरह आप उन्हें प्रेरित कर पाएंगे और खुद भी अच्छा महसूस करेंगे। इस तरह आप बेहतर टीम भी बना पाएंगे।

                                                    नकारात्मकता से बचें

जब भी कोई खराब स्थिति बनती है तो हमारे सामने दो विकल्प होते हैं कि हम उस पर प्रतिक्रिया दें या फिर चुप रहें। जो हो चुका है उस पर बात करके वातावरण को अधिक कटु बनाने के बजाय भविष्य के लिए बेहतर योजनाओं के बारे में सोचना ज्यादा फायदेमंद हो सकता है। निराशा के बजाय ऐसे समय सकारात्मक बातें करना टीम को प्रेरित करेगा।
 

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