Information about vitamin B6 & B4

          विटामिन बी6 की कमी से उत्पन्न रोग

◆ स्नायु दुर्बलता।
◆ नींद न आना।
◆ चिड़चिड़ापन।
◆ पेट में दर्द।
◆ शारीरिक दुर्बलता।
◆ लड़खड़ाना।
◆ चलने में कष्ट।
◆ रक्त अल्पता।
◆ कंपन।
◆ आधे सिर का दर्द।
◆ गर्भावस्था में उल्टी या जी मिचलाना।
◆ मांस पेशियां कमजोर पड़ना।


विटामिन बी6 के स्रोत वाले खाद्य पदार्थ

◆ अमरूद
◆ नारंगी
◆ दालें
◆ मटर
◆ सोयाबिन
◆ पपीता
◆ दूध
◆ चना
◆ टमाटर





           विटामिन बी6 की महत्वपूर्ण बातें

■ विटामिन बी6 को पायरीडॉक्सिन के नाम से भी जाना जाता हैं।
■ विटामिन बी6 का रंग सफेद होता है।
यह गंधरहित क्रिस्टल अर्थात् कणों वाला पाउडर होता है।
■ विटामिन बी6 की कमी से रोगी को त्वचा के रोग हो जाते है जिनमें त्वचा की सूजन प्रमुख होती है।
■ विटामिन बी6 का प्रयोग अधिकतर मुहांसों को दूर करने के लिए किया जाता है।
■ बच्चों को आक्षेप या कम्हेड़े के दौरे पड़ने पर इसका प्रयोग अच्छा लाभ देता है।
■ विटामिन बी6 की कमी से पेट के कई रोग हो जाते हैं जिनमें प्रमुख रूप से पेट में दर्द और ऐंठन होती है।
■ क्लोरोफार्म के प्रयोग से होने वाले विकारों में विटामिन बी6 लाभ प्रदान करता है।
■ ईथर प्रयोग करने पर उससे होने वाले विकारों को दूर करने के लिए विटामिन बी6 का प्रयोग हितकारी साबित होता है।
■ विटामिन बी6 प्रकाश के संपर्क में आकर नष्ट हो जाता है।
■ विटामिन बी6 पर क्षार का प्रभाव नहीं पड़ता है।
■ विटामिन बी6 खून में सफेद कणों के निर्माण में अहम भूमिका अदा करता है।
■ विटामिन बी6 गर्मी के प्रभाव से नष्ट नहीं होता।
■ गर्भावस्था के विकारों को शान्त रखने के लिए इस विटामिन की काफी अधिक आवश्यकता पड़ती है।
■ विटामिन बी6 की कमी से होठों के कोनों में जख्म उत्पन्न हो जाते है।
■ अनिद्रा रोग शरीर में विटामिन बी6 की कमी की वजह से होता है।
■ कील-मुहांसों को दूर करने के लिए विटामिन बी6 रामबाण साबित होता है।
■ डब्बे का दूध पीने वाले बच्चे इस विटामिन की कमी से चिड़चिड़े हो जाते हैं और रात-दिन रोते रहते हैं।
■ विटामिन बी6 की कमी से रोगी को पक्षाघात जैसे भयंकर रोग हो सकते हैं।
■ विटामिन बी6 की कमी से पीलिया रोगों का सामना करना पड़ता है।
■ पशुओं की कलेजी में विटामिन बी6 प्रचुर मात्रा में पाई जाती है।
■ विटामिन बी6 की कमी से पेलाग्रा रोग हो जाता है।




                विटामिन बी4 के महत्वपूर्ण तथ्य


● विटामिन बी4 को एमाइनो एसिड भी कहा जाता है।
● इसकी रासायनिक रचना प्रोटीन जैसी होती है।
● शरीर में जब प्रोटीन पच जाता है तब आंतों में जो शेष बचा हुआ पदार्थ रहता है उसे ही एमाइनो एसिड नाम से पुकारा जाता है और यही विटामिन बी4 होता है।
● आंतें एमाइनो एसिड अर्थात् विटामिन बी4 का प्रचूषण करती हैं।
● आंतें एमाइनो एसिड को चूसकर यकृत में भेज देती है। एमाइनो एसिड अनेक प्रकार के होते हैं।
● विटामिन बी4 शरीर के विभिन्न अवयवों का निर्माण करता है।
● विटामिन बी4 घावों को भरने में मदद करता है।
● विटामिन बी4 का संचय यकृत और पेशियों में होता है।
● ज्वर होने का एक कारण शरीर में विटामिन बी4 की कमी भी होता है।

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