Tips for stay healthy in winter

Hello friends,
       I'll be share with u some tips for stay healthy in winter.hope u like it.

                  हर मौसम में फायदेमंद है बादाम 

● कुछ फल प्रत्येक मौसम में सेहत के लिए लाभकारी होते हैं। इन फलों में बादाम भी प्रमुख है। गर्मी हो या सर्दी, हर मौसम में बादाम का उपयोग लाभप्रद है। यह कच्चा हो या पका हुआ, हर तरह से इसका सेवन फायदेमंद है। बादाम पौष्टिक व स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है।
● बादाम में वसा, प्रोटीन और विभिन्न तरह के विटामिन और खनिज होते हैं, जो इसे चॉकलेट, केक और बिस्किट की तरह खाने योग्य बनाते हैं। बादाम खाने से हृदय की रक्त वाहिकाएं स्वस्थ रहती हैं। बादाम से भरपूर भोजन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। छिलकों के साथ बादाम खाना फायदेमंद रहता है पर इनकी मात्रा संतुलित ही रखनी चाहिए। क्षमता से अधिक मात्रा में खाने पर ये अक्सर हजम नहीं होते और पेट खराब हो जाता है।

● बादाम का सेवन कोलेस्ट्रॉल और सूजन को कम करता है। अकुंरित बादाम भिगोए हुए बादाम के मुकाबले ज्‍यादा स्‍वास्‍थ्‍यवर्धक होता है। बादाम स्तनों में दुग्ध वृद्धि करता है। कब्ज एवं आंतों के दर्द से निजात पाने के लिए बादाम और अंजीर एक साथ खाएं। बादाम कफ के साथ आने वाले खून को बंद करता है

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          सर्दी में अमरूद खाने के हैं कई फायदे

● सर्दियों के मौसम में अमरूद का इस्तेमाल सेहत के लिए काफी लाभकारी माना जाता है। अमरूद में कई तरह के विटामिन मिलते हैं जो शरीर को सेहतमंद बनाए रखने में मदद करते हैं। अमरूद दिल संबंधी रोगों में लाभ पहुंचाता है।
● दिल संबंधी बीमारियों के इलाज में अमरूद कारगर है। खाने के साथ अमरूद की चटनी और खाने के बाद इसका मुरब्बा तीन महीने तक खाने से दिल संबंधी रोगों में लाभ होता है। इससे रक्त संबंधी विकार भी दूर होते हैं।
● अगर आपके दांत में दर्द रहता है तो अमरूद के पत्तों को पानी में उबाल लें। फिर पत्तों को अलग कर लें और इस पानी को ठंडा करके इसमें फिटकरी मिला लें, इससे कुल्ला करने पर दांतों का दर्द कम होता है।
● अमरूद को खाने से रक्त में शुगर का स्तर कम होता है। साथ ही अमरूद का अर्क रोजाना सुबह-शाम लेने से पाचन संबंधी विकार दूर होते हैं।

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        मूली में छिपा है अच्छी सेहत का राज

●  यदि आप नियमित रूप से खाने में मूली का इस्तेमाल करते हैं तो यह कई तरह से सेहत के लिए फायदेमंद है। मूली कई बीमारियों को ठीक करने में कारगर है। सर्दियों के मौसम में मूली आसानी से उपलब्ध होती है।

●  किसी कीड़े के काट लेने से होने वाली जलन असहनीय होती है। अगर वक्त पर उस पर दवाई ना लगाई जाएं तो इंफेक्शन बढ़ भी सकता है। लेकिन मूली आपको इससे बचा सकती है। मूली कीड़े के काटने से होने वाली जलन, खुजली और दर्द को दूर करती है।

●  मूली में विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो आपकी स्किन को डैमेज होने से बचाते हैं। मूली आपको जवां बनाएं रखने में मदद करती है। इसमें पाए जाने वाले विटामिन सी, फॉस्फोरस और जिंक से स्किन लंबे वक्त तक फ्रेश रहती है।

● मूली आपकी बॉडी में से सभी विषैले तत्वों को बाहर कर देती है, जिसके परिणामस्वरूप आपकी स्किन क्लीन होने लगती है। इसके अलावा स्किन की क्लिनिंग के लिए मूली को क्रश करके स्किन पर लगाना चाहिए।

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             ठंड में संभाल के रखें दिल

●  पारा गिरने के साथ दिल के मरीजों की दिक्कतें बढ़ने लगीं हैं। चिकित्सकों के मुताबिक सर्दी के मौसम में हार्टअटैक का खतरा सामान्य दिनों की अपेक्षा कई गुना तक बढ़ जाता है। सर्दी के मौसम में खून गाढ़ा हो जाने के कारण शरीर में रक्त का संचार सही तरके से नहीं हो पाता। ऐसे में दिल के रोगियों को सावधानी बरतने की जरूरत होती है।

● डॉक्टरों के मुताबिक अगर पहली बार अटैक आया है तो मरीज को पांच घंटे के भीतर या इससे भी पहले उपचार मिल जाना चाहिए। दूसरी बार अटैक में चार और तीसरी बार में तीन घंटे के भीतर उपचार मिल जाना चाहिए। अमूमन देखा गया है कि मरीज को अस्पताल तक आने में ही एक से डेढ़ घंटे का समय लग जाता है और कई बार उसके इस बात की जानकारी ही नहीं होने पर कई घंटे लग जाते हैं।

●  दिल की बीमारी से बचने के लिए नियमित रूप से कम से कम दो घंटे तक व्यायाम करें। शरीर के वजन को कंट्रोल में रखने की कोशिश करें। शाकाहारी बनें, हरी सब्जियां, सलाद का सेवन करें। तीन बार खाना खा सकते हैं, लेकिन कंट्रोल रखें। सर्दी में गर्म कपड़े पहनें, ब्लड प्रेशर कम न होने दें। नियमित जांच कराएं, दिक्कत होने पर डॉक्टर के पास पहुंचें। सर्दी में पाचन क्रिया शिथिल रहती है, इसलिए हल्का भोजन लें। जंक फूड या फिर चिकनाई युक्त खाना खाने से बचें।


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                 गुणों का खजाना गाजर

● गाजर में ढेरों औषधीय गुण छिपे हुए हैं। चिकित्सकों के मुताबिक गाजर गरम तथा तर होने के कारण यह पेशाब लाने वाली, कफ निकालने वाली, दिमाग को बल देने वाली, वीर्यवर्धक तथा मन को प्रसन्न रखने वाली होती है। गाजर को कच्चा तथा उबालकर सेवन करने से शरीर पुष्ट होता है।

●  गाजर शरीर से गंदे पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है। और तो और, अल्सर जैसी खतरनाक बीमारी में भी गाजर फायदा करती है। कमजोरी से अगर आपको चक्कर आते हों तो गाजर खाना आपके लिए संजीवनी बूटी का काम करेगा।

● गाजर में विटामिन प्रचुर मात्रा में होता है। इसमें एक विशेष गुण यह रहता है कि इसके सेवन से नवीन रक्त का निर्माण शीघ्रता एवं प्रचुरता के साथ होता है। इसलिए यह प्रकृति-प्रदत्त उत्तम टॉनिक का कार्य भी करती है। इससे रक्त में कैंसर के कोष विकसित नहीं हो पाते। गाजर के जूस का कुछ दिनों तक सेवन करते रहने से खांसी, दमा, पेशाब की जलन तथा पथरी से पीड़ित व्यक्तियों को लाभ मिलता है। गाजर के पाक तथा मुरब्बे का सेवन करने से शरीर पुष्ट बनता है।

●  हमारी स्वदेशी चिकित्सा पद्धति में आयुर्वेद गाजर को यौन शक्तिवर्धक टॉनिक मानती है। गाजर और मूली के रस को बराबर-बराबर मात्रा में लेकर नियमित पीते रहने से लिंग की दुर्बलता दूर होने के साथ यौन शक्ति में अत्यन्त लाभ होता है। दुबले एवं शुक्र दौर्बल्य से पीड़ित व्यक्तियों के लिए यह प्रकृति प्रदत्त बेहतरीन तोहफा है। ऐसे व्यक्तियों को गाजर का पाक या खीर कुछ दिनों के लिए लगातार सेवन करना चाहिए। शहद में तैयार किया गया गाजर का मुरब्बा अत्यंत कामोत्तेजक होता है।

● बच्चों के दांत निकलने के समय गाजर के रस को पिलाते रहने से दांत आसानी से निकल जाते हैं तथा दूध भी उचित रूप से हजम होने लगता है। बच्चा जब चलने के लायक हो जाए तो उसे गाजर और संतरे का रस मिलाकर देने से वह ताकतवर बनकर शीघ्रता से चलने लगता है। गाजर के रस का पान हमेशा दोपहर में ही करना अत्यधिक लाभप्रद होता है। हमेशा ताजा गाजरों का ही रसपान करना चाहिए। रसपान के तुरन्त बाद या पहले भोजन नहीं करना चाहिए।

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