पायरिया के आयुर्वेदिक उपचार


1. नीम के पत्ते साफ कर के छाया में सुखा लें। अच्छी तरह सूख जाएँ तब एक बर्तन में रखकर जला दें और बर्तन को तुरंत ढँक दें। पत्ते जलकर काले हो जाएँगे और इसकी राख काली होगी। इसे पीसकर कपड़छान कर लें। जितनी राख हो, उतनी मात्रा में सेंधा नमक पीसकर शीशी में भर लें। इस चूर्ण से तीन-चार बार मंजन कर कुल्ले कर लें। भोजन के बाद दाँतों की ठीक से सफाई कर लें।
2. चुटकी भर नमक चुटकी भर हल्दी में चार पांच बुंद सरसों का तेल मिला कर उंगली से लगाकर 20 मिनट तक रखें लार आवे तो थुकते रहें। नीम के दातुन से ब्रश करें।
3. कच्चे अमरुद पर थोडा सा नमक लगाकर खाने से उपचार में सहायता मिलती है, क्योंकि यह विटामिन सी का स्रोत होता है|घी में कपूर मिलाकर दाँतों पर मलें ।
4. काली मिर्च के चूरे में थोडा सा नमक मिलाकर मलें ।
200 मिलीलीटर अरंडी का तेल, 5 ग्राम कपूर, और 100 मिलीलीटर शहद को अच्छी तरह मिला दें, और इस मिश्रण को एक कटोरी में रखकर उसमे नीम के दातुन को डुबोकर दाँतों पर मलें।

5. आंवला जलाकर सरसों के तेल में मिलाएं,इसे मसूड़ों पर धीरे-धीरे मलें।खस, इलायची और लौंग का तेल मिलाकर मसूड़ों में लगाएं।
6. जीरा, सेंधा नमक, हरड़, दालचीनी, दक्षिणी सुपारी को समान मात्रा में लें, इसे बंद बर्तन में जलाकर पीस लें,इस मंजन का नियमित प्रयोग |

7. अनार के छिलके पानी मे डाल कर खूब खौला कर ठंडा कर लें । इस पानी से दिन मे तीन चार बार कुल्ले करें । गरम पानी मे एक चुटकी नमक मिला कर रोज सुबह शाम कुल्ले करें ।

8. बादाम के छिलके तथा फिटकरी को भूनकर फिर इनको पीसकर एक साथ मिलाकर एक शीशी में भर दीजिए। इस मंजन को दांतों पर रोजाना मलें ।
9. कपूर का टुकड़ा पान में रखकर खूब चबाने और लार एवं रस को बाहर निकालें।

10. 5 से 6 बूंद गर्म पानी में लौंग का तेल 1 गिलास गर्म पानी में मिलाकर प्रतिदिन गरारे व कुल्ला करें।

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