पित्त के रोग होने का कारण,लक्षण उपचार

पित्त के रोग होने का कारण:-

. शराब, मांस, अंडे तथा तम्बाकू का सेवन करने के कारण पित्त का रोग उत्पन्न हो जाता है।

. तले हुए तेज मिर्च-मसालेदार पदार्थों का भोजन में अधिक सेवन करने से पित्त का रोग हो सकता है।

. पानी कम पीने के कारण भी पित्त का रोग हो सकता है।

. जब 1 बार किया गया भोजन न पचे और उससे पहले ही व्यक्ति दुबारा भोजन कर ले तो उसे पित्त का रोग हो सकता है।

. अधिक तनावपूर्ण जीवन तथा मानसिक रूप से परेशान रहने के कारण भी पित्त का रोग हो सकता है।

. व्यायाम न करने के कारण भी पित्त का रोग हो सकता है।

. किसी कारण से आमाशय के अंदर पित्त जमा हो जाने के कारण भी पित्त का रोग हो सकता है।
पित्त के रोग होने के लक्षण:-

. पित्त के रोग हो जाने के कारण रोगी के शरीर में गर्मी बढ़ जाती है।

. इस रोग से पीड़ित रोगी के छाती, गले तथा पेट में जलन होने लगती है।

. इस रोग के कारण रोगी के सिर में दर्द होने लगता है।

. पित्त के रोग के कारण रोगी व्यक्ति का जी मिचलाने लगता है तथा उसे उल्टियां भी होने लगती हैं।

. इस रोग से पीड़ित रोगी के पेशाब का रंग पीला हो जाता है।

. इस रोग में रोगी की जीभ पर छाले भी पड़ जाते हैं।

. इस रोग से पीड़ित रोग को खट्टी डकारें आने लगती हैं।

. इस रोग से पीड़ित रोगी को भूख बहुत ही कम लगती है।

. रोगी व्यक्ति की आंखों में जलन होने लगती है।

. पित्त रोग से पीड़ित रोगी के गले में जकड़न होने लगती है।


पित्त के रोग का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार :-

. पित्त के रोग से पीड़ित रोगी को प्रतिदिन कम से कम 8-10 गिलास पानी पीना चाहिए।

. एक गिलास पानी में नींबू का रस निचोड़कर उसमें थोड़ी सी चीनी तथा 1 चुटकी नमक डालकर पीने से बहुत लाभ होता है। यह पानी दिन में कम से कम 8 से 10 बार पीना चाहिए।

. पित्त के रोग से पीड़ित रोगी को ठंडे दूध में चीनी डालकर पिलाना चाहिए।

.  इस रोग से पीड़ित रोगी को हमेशा ताजी तथा जल्दी पचने वाली चीजों का सेवन करना चाहिए।

. पित्त के रोग से पीड़ित रोगी को क्रोध तथा ईर्ष्या नहीं करनी चाहिए।

. पित्त के रोग से पीड़ित रोगी को हमेशा खुश रहने की कोशिश करनी चाहिए तथा हंसते रहना चाहिए।

. पित्त के रोग से पीड़ित रोगी को भोजन में गर्म पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए बल्कि ठंडे पदार्थों को भोजन में ज्यादा से ज्यादा खाना चाहिए।

. पित्त के रोग से पीड़ित रोगी को रात को सोने से 2 घंटे पहले भोजन करना चाहिए तथा सोने से पहले मीठा दूध पीना चाहिए।

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